जुकोगे तो पाओगे
जुकनेसे तुम ओर गहेरे उतर सकते हो. तूफान को जेल पाओगे तभी जब जुकोगे. जुकना तुम्हे ठहराव की ओर लेजाएगा. क्योंकि ठहराव ही तुम्हे अनुभव का एहसास देगा.
ज़रूरी नही के तुम दोडते रहो. दोडो फिर ठहरो, फिर चलो. ठहरो जेसे पेड़ ठहरा हुवा हे जेसे कभी चलाही ना था. दोडो जेसे हवाएँ चलती हे, जेसे कभी रुकीही न थी.
क्योंकि ठहराव -तुम्हे आनंद देगा. जो कभी रुका ही नही उसे एहसास भी नही| तुम दोडते हो क्योंकि तुम्हे पहुँचना हे कहीं! पर पहुँचनेमे आनंद नही हे, आनंद तो सफ़र में हे| ठहरो गे तो उस आनंद को पहचान पाओगे|